top of page

कुटुम्ब सुदृढीकरण (हिन्दी) : लेखक - दिलीप केलकर

प्रकाशन : गुढीपाडवा, २ एप्रिल २०२२

 

यह पुस्तक ऐसे समय में प्रकाशित हो रही है जब पूरी दुनिया भारत को विश्वगुरु के रूप में देख रही है। पश्चिमी दुनिया भारतीय योग और ध्यान की ओर आकर्षित होने का सबसे महत्वपूर्ण कारण उनकी बिगड़ती पारिवारिक व्यवस्था। दूसरी ओर, एक साधारण भारतीय व्यक्ति भी जीवन को सकारात्मक दृष्टि देखने का और जीवन की सभी प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी धैर्य से, साहस से जीने सबसे महत्वपूर्ण कारण 'भारतीय कुटुम्ब' प्रणाली है।

 

आधुनिक भारतीय समाज की गर्भनाल को प्राचीन भारतीय कुटुम्ब व्यवस्था से जोड़ने की दृष्टि से लिखी गई यह पुस्तक आज की पीढ़ी में सभी लिए अमूल्य है। इस पुस्तक में भारतीय परिवार व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रस्तुत किया गया है। भारतीय कुटुम्ब व्यवस्था में मनुष्य का उत्तरदायित्व वसुधैव कुटुम्बकम् की और क्यों है यह बड़ी सरलता से प्रस्तुत किया है।

 

जीवन की शिक्षा का केंद्र : भारतीय कुटुम्ब

 

भारतीय कुटुम्ब की शिक्षा
१) माता प्रथमो गुरू:
२) पिता द्वितीयो
३) अधिकार से कर्तव्य की ओर
४) संस्कार प्रक्रिया
५) सामाजिकता
६) पात्रता और अधिकारी भेद सिध्दांत


▪️भारतीय कुटुम्ब में शिक्षा और कुटुम्ब व्यवस्थापन
१) व्यवस्थाएँ
२) एकल कुटुम्ब से संयुक्त कुटुम्ब की ओर
३) कुटुम्ब प्रमुख
४) विवाह संस्कार, रिश्तोंका अर्थ और समझ●
५) कौंटुम्बिक उद्योग
६) गृह संसद
७) सुदृढ कुटुम्ब से 'वसुधैव कुटुम्बकम्' तक
८) कौटुम्बिक परंपरा अर्थात, कुल परंपरा


▪️कुटुम्ब जीवन की पुनः प्रतिष्ठापना कैसे करें ?

 

 

 

जीवन का भारतीय प्रतिमान - खण्ड १ और खण्ड २ - (हिन्दी)

लेखक : दिलीप केलकर

 

भारतीय जीवन की श्रेष्ठता का परिचय कराने वाला श्रेष्ठ भारतीय तत्त्वज्ञान के अनुसार जीवन कैसे जीते है; यह बताने वाला प्रत्यक्ष व्यवहार से "सर्वे भवन्तु सुखिनः' को पोषित करने वाला आत्मविश्वास जगाने वाला, बुद्धि को उन्नत स्तरपर आनंद देने वाला और वर्त्तमान समस्याग्रस्त अभारतीय जीवन से समस्यामुक्त भारतीय. जीवन की ओर बढ़ने के लिए कृतीप्रवण कराने वाला एक अत्यंत विचार प्रवर्तक ग्रंथ

 

जानिए "हम भारतीय है' इसका अर्थ क्या है ? हम भारतीय है तो क्यों ? हमारी विशेषताएँ कौन सी हैं ? भारतीय विचार क्या है ? हमारे पूर्वज कैसे विचार करते थे? हमें कैसे विचार करना चाहिए ? यह बताने वाले २ ग्रंथ...

 

पृष्ठ संख्या : २०० 

किंमत : रु. ३५०/-

प्रकाशनपूर्व नोंदणी : रु. २५०/- घरपोच

प्रकाशन : गुढीपाडवा, ०२ एप्रिल २०२२

सवलत नोंदणी : रामनवमी , १० एप्रिल २०२२

कुटुम्ब सुदृढीकरण (हिन्दी)

SKU: BP0002
₹350.00Price

    Related Products

    bottom of page